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प्याज़

जीवन प्याज़ है....
कितनी चीजें तो हैं जीवन में सुंदर। प्याज़ की परतें। हल्की बैगनी, सफ़ेद, लाल परतें। हरेक परत के पीछे एक रहस्य। एक परत हटी नही की दूसरी खुलती जाती है।
किसे सत्य की अंतिम परकाष्ठा मान लें।
कौन सी परत अपने रहस्य को सम्पूर्ण में परिभाषित करें। कोई नही।


और भी सुंदर चीजें हैं। पत्तागोभी। मधुमालती की खिलती डालियों में रंग-बिरंगे फूल। बुलबुल का रोज़ सुबह कोई गीत गाना। कितनी तो विविधतायें हैं। सुंदर और मनोरम।
और तुम्हारे हाथ की उँगलियाँ, लंबे ग़ुलाबी नखों के अंतिम सिरे पर खिलता सफ़ेद चाँद!
नही तुमने निहारा नही होगा कभी ख़ुद को। देखो न कलाइयों के आख़िरी हिस्से का वह काला तिल, पैरों के तलुवों पर बिखरी हुई रेखायें।
कभी देखना, नही निहारना ख़ुद को। इतनी भी क्या व्यस्तता है मुह फेरते हो अपने पास की सुंदर चीजों से। माना समय भारी है अभी। पर विश्वास है ना यह बीत जाएगा।
देखो प्याज़ का यह टुकड़ा। कितना सुंदर है ना?
देखना कभी ख़ुद को संयम और तल्लीनता से। जीवन की कितनी ही शिकायतें कम हो जाएंगी।
प्याज़ सुंदर है। देखो इस प्याज़ में भी एक दिल धड़कता है।
Pic: Nawal Kishor
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